मकर संक्रांति 2026: पुण्य काल, दान और शुभ मुहूर्त का संपूर्ण महत्व

मकर संक्रांति 2026: पुण्य काल, दान और शुभ मुहूर्त का संपूर्ण महत्व ; साल 2026 में मकर संक्रांति का पावन पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा। हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, मकर संक्रांति से ही देवताओं के दिन की शुरुआत होती है, जिसे उत्तरायण काल कहा जाता है। यह समय आध्यात्मिक उन्नति और सकारात्मक ऊर्जा के संचार के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। इस दिन सूर्य देव की उपासना और पवित्र नदियों में स्नान करने से जीवन के कष्टों का निवारण होता है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

वीडियो में दी गई जानकारी के अनुसार, इस वर्ष संक्रांति काल दोपहर 1:13 बजे से शुरू होगा। विशेष महापुण्य काल दोपहर 3:14 बजे से लेकर शाम 5:45 बजे तक रहेगा। स्नान और दान के लिए सबसे उत्तम समय सुबह 9:05 बजे से शाम 5:44 बजे तक बताया गया है। मान्यता है कि मकर संक्रांति के अवसर पर किया गया दान और पुण्य कर्म करोड़ों गुना फल प्रदान करता है, इसलिए भक्तों को इस समय का सदुपयोग अपने कल्याण के लिए अवश्य करना चाहिए।

दान की महिमा बताते हुए यह सलाह दी गई है कि इस दिन तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें तिल और मिठाई मिलाकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। जरूरतमंदों को तिल, गुड़, खिचड़ी और विशेष रूप से गर्म कपड़ों का दान करना आपके लिए राजयोग के द्वार खोल सकता है। इसके साथ ही, अपने इष्ट मंत्र का कम से कम एक घंटे तक जाप करना पूरे साल के लिए सुख-समृद्धि सुनिश्चित करता है।

अंत में, इस दिन कुछ सावधानियां बरतने की भी सलाह दी गई है। मकर संक्रांति पर तामसिक भोजन जैसे प्याज, लहसुन, मांस या मदिरा का सेवन भूलकर भी न करें, क्योंकि इससे धन हानि के योग बन सकते हैं। इस विशेष दिन पर काले कपड़े पहनने, बाल या नाखून काटने और तेल का दान करने से बचना चाहिए। अपनी श्रद्धा के अनुसार अन्न और वस्त्रों का दान कर आप इस पर्व को अपने और दूसरों के जीवन में खुशहाली लाने वाला बना सकते हैं।

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